राज्यसभा के प्रत्याशियों से बीजेपी ने साधे कई समीकरण
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 14 फरवरी। मध्यप्रदेश से राज्य सभा की चार सीटों के लिए बीजेपी ने संत, किसान, महिला और केंद्रीय मंत्री को मैदान में उतारने का फैसला लिया है। नामांकन की आखिरी तारीख के एक दिन पहले घोषित चार भाजपा प्रत्याशियों की सूची ने सियासी विश्लेषकों को चौंका दिया। सूची के चार नामों में से एक केंद्रीय मंत्री डॉ. एल मुरुगन को छोड़ दिया जाए तो तीनों नाम चौंकाने वाले हैं और विशेषकर संत उमेश नाथ का नाम सबसे अधिक चौंकाने वाला है। यहां तक कि बीजेपी के लोग भी नाम सुनकर चौंक पड़े। लेकिन यह माना जा रहा है कि इन नामों के चलते बीजेपी ने सामाजिक,राजनैतिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने की सफल कोशिश की है।
मध्यप्रदेश में राज्य सभा की पांच सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। इनमें से चार सीटें भाजपा को मिलना है और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी। भाजपा ने अपने चारों वर्तमान सांसदो में से एक केंद्रीय मंत्री डॉ. एल मुरुगन को फिर से मैदान में उतारा है। इसके अलावा तीन अन्य नए प्रत्याशी हैं। इनमें संत उमेश नाथ, माया नरोलिया और बंशीलाल गूर्जर के नाम शामिल हैं। संत उमेश नाथ का नाम सबसे अधिक चौंकाने वाला है। बाल योगी संत उमेश नाथ जी महाराज उज्जैन के वाल्मीकि धाम आश्रम के पीठाधीश्वर हैं । अखिल भारतीय वाल्मिकी सनातन धर्म के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ ही वे वाल्मीकि समाज के बड़े संत हैं। उनके भक्त मध्य प्रदेश और राजस्थान में फैले हैं। इनसे आशीर्वाद लेने संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंच चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर मोहन यादव तक बाबा के आश्रम जाते रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उमेशनाथ महाराज के अच्छे रिश्ते हैं। उमेश नाथ को राज्यसभा भेजने का फैसला कर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में एससी वोटों को साधने की कोशिश की है। एक संत को राज्यसभा भेजे जाने पर उज्जैन के संत समुदाय ने हर्ष व्यक्त किया है। संत सोहनदास महाराज के शिष्य उमेशनाथ महाराज ने शिप्रा किनारे वाल्मीकि आश्रम का निर्माण किया। बताया जाता है कि संत उमेशनाथ महाराज को उनकी माता ने बाल्यावस्था में ही आध्यात्म के मार्ग पर समर्पित कर दिया था।
संत के अलावा पार्टी ने एक महिला प्रत्याशी पर भी दांव लगाया है। मध्य प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नरोलिया भी प्रत्याशी बनाई गई हैं। वे नर्मदापुरम जिले से आती हैं और नगर पालिका की अध्यक्ष भी रही हैं। विधानसभा चुनावों में विधायक का टिकट पाने की तगड़ी दावेदार थीं। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशी लाल गूर्जर भी राज्यसभा जा रहे हैं। मंदसौर से ताल्लुक रखने वाले बंशीलाल की गुर्जर की समाज में अच्छी पकड़ है। वे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। किसान नेता बंशीलाल गुर्जर को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने एक तीर से दो निशाने साध दिए हैं। एक तरफ जहां बीजेपी किसानों को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व देने का संदेश पहुंचा रही है। वहीं दूसरी तरफ आने वाले लोकसभा चुनाव में गुर्जर समाज को साधने का काम भी बीजेपी ने किया है। खासतौर पर राजस्थान की राजनीति में भी इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है।
कांग्रेस से अशोक सिंह प्रत्याशी
कांग्रेस ने अपने कोटे की एक सीट से अशोक सिंह को प्रत्याशी बनाया है। ग्वालियर से कांग्रेस के टिकट पर चार लोकसभा चुनाव हारने वाले अशोक सिंह अब राज्य सभा के सांसद होंगे। पार्टी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह को पार्टी ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। ग्वालियर के रहने वाले अशोक सिंह यादव समाज से आते हैं। अशोक सिंह को कमलनाथ का करीबी माना जाता है।